कोरोना संक्रमण से एक दिन में फिर गई तीन लोगों की जान
एक जज सहित 20 नए संक्रमित मरीजों की पुष्टि
छतरपुर। कोरोना संक्रमण के कारण अब जिले में लगभग हर दूसरे दिन मौत का एक मामला सामने आ रहा है। सितम्बर महीने में गुजरे हुए 22 दिन के भीतर जिले में दर्ज 13 कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है जबकि तीन ऐसे लोगों की भी जानें गईं जो जिले के तो निवासी हैं लेकिन उन्होंने अपनी जांच बाहर कराई थी और बाहर ही इलाज के दौरान मौत हो गई। मंगलवार को एक बार फिर इस महामारी के कारण तीन लोगों के मरने की खबर सामने आयी। इनमें एक छतरपुर के जाने-माने गल्ला व्यापारी हैं जबकि एक बड़ामलहरा क्षेत्र का 56 वर्षीय किसान है। वहीं नौगांव के शांति स्वीट्स के संचालक नितिन बोस की दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में मौत हो गई।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक शहर के जाने-माने गल्ला व्यापारी 63 वर्षीय रामस्वरूप अग्रवाल उर्फ गोपी दाऊ एक सितम्बर को कोरोना संक्रमित पाए गए थे। ऑक्सीजन लेबिल कम होने के कारण उन्हें एक सितम्बर के दिन ही सागर मेडिकल कॉलेज रिफर किया गया था जहां से वे और बेहतर इलाज के लिए अपनी स्वेच्छा से चिरायु अस्पताल भोपाल चले गए थे। यहां लगभग 20 दिनों तक चले इलाज के बाद मंगलवार की सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया। उनकी मौत की खबर से छतरपुर के व्यापारी समाज में गहरा शोक है। मौत का एक दूसरा मामला बड़ामलहरा क्षेत्र के ग्राम सड़वा से जुड़ा है। इस गांव के 56 वर्षीय किसान चंदू अहिरवार में 19 सितम्बर को कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी जिसके बाद उसेे जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया था। चंदू अहिरवार डायबिटीज के मरीज होने के साथ-साथ निमोनिया के भी शिकार थे। हालत खराब होने पर जिला अस्पताल ने उन्हें सागर मेडिकल कॉलेज रिफर कर दिया लेकिन परिवार ने सागर जाने से मना कर दिया और लिखित में देकर कहा कि यहीं उपचार किया जाए। मंगलवार को चंदू अहिरवार ने भी दम तोड़ दिया। इसी तरह नौगांव के प्रसिद्ध कोठी चौराहा पर स्थित शांति स्वीट्स के संचालक 42 वर्षीय नितिन बोस 21 सितम्बर को छतरपुर में कोरोना सेम्पल देकर इलाज के लिए दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल चले गए थे जहां मंगलवार की शाम उन्होंने दम तोड़ दिया। इन तीनों मौतों को मिलाकर अब जिले में कोरोना संक्रमण से हुईं मौत का आंकड़ा 28 तक पहुंच गया है। मंगलवार को जिले के अलग-अलग कोविड सेंटर से 25 मरीजों की छुट्टी भी हुई।
विशेष न्यायाधीश, महाराजा कॉलेज के कर्मचारियों सहित 17 नए केस
पिछले 24 घंटों में एक बार फिर जिले में कोरोना संक्रमण के 17 नए मामले सामने आए हैं। इनमें जिला अदालत में पदस्थ एक विशेष न्यायाधीश भी शामिल हैं। सागर मेडिकल कॉलेज से आए 315 सेम्पलों के नतीजों में 17 मरीज संक्रमित पाए गए। जानकारी के मुताबिक पैराडाइस कॉलोनी में रहने वाले और विशेष न्यायाधीश भी इन संक्रमितों की सूची में शामिल हैं। इसके साथ ही फोरलेन निर्माण कर रही पीएनसी कंपनी से संक्रमितों के मिलने का सिलसिला लगातार जारी है। एक बार फिर कंपनी से 3 संक्रमित कर्मचारियों की पुष्टि हुई है। वहीं महाराजा कॉलेज छतरपुर के भी दो कर्मचारी जिनकी उम्र 56 और 53 साल है संक्रमित पाए गए हैं। सनसिटी कॉलोनी में रहने वाले 25 वर्षीय युवक में कोरोना की पुष्टि हुई है तो वहीं गढीमलहरा से 70 वर्षीय बुजुर्ग, 42 वर्षीय पुरूष, 65 वर्षीय महिला और 76 वर्षीय महिला संक्रमित पायी गई है। ये सभी चारों मरीज वार्ड नं.3 के एक ही परिवार के सदस्य हैं। बक्स्वाहा के वार्ड नं.6 से 60 वर्षीय व्यक्ति पॉजिटिव मिला है तो वहीं हरपालपुर के मंगल बाजार से 55 वर्षीय व्यक्ति में संक्रमण पाया गया है। राजनगर में 38 वर्षीय पुरूष और घुवारा में 19 वर्षीय युवक व 53 वर्षीय महिला संक्रमित मिली है। इसी तरह खजुराहो में रेपिड एंटीजन किट से तीन संक्रमितों की पुष्टि हुई है।
पीएनसी ने किया कोरोना ब्लास्ट, अब तक 60 कर्मचारी मिले पॉजिटिव
छतरपुर जिले में झांसी से बमीठा तक फोरलेन निर्माण का काम कर रही पीएनसी कंपनी ने अपनी लापरवाही से कोरोना संक्रमण फैलाने में अहम भूमिका निभाई है। बसारी एवं बिलहरी स्थित सीमित जगह पर बने इस प्लांट में सैकड़ों लोगों के एक साथ रहने के कारण एवं नियमों का पालन न करने के कारण प्रतिदिन इस कंपनी से पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं। अब तक कंपनी से मैनेजर सहित 60 पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हो चुकी है।
इसलिए हो रहीं मौतें
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक जिले में हुईं ज्यादातर मौतों के पीछे ऑक्सीजन लेबिल का कम होना पाया जा रहा है। कोरोना वायरस सबसे पहले व्यक्ति की नाक और इसके बाद गले पर हमला करता है। यदि इस स्टेज तक मरीज की पहचान कर ली गई और उसे इलाज उपलब्ध हो गया तो उसकी जान बच जाती है लेकिन यदि वायरस गले के रास्ते फेफड़े तक पहुंच गया और यहां तीन से चार दिन उसने अपनी वृद्धि की तो वह फेफड़ों को बंद कर ऑक्सीजन का स्तर गिराना शुरू कर देता है। गाइड लाइन के तहत एक स्वस्थ व्यक्ति का ऑक्सीजन स्तर 95 प्रतिशत के ऊपर होना चाहिए। यदि 90 के नीचे ऑक्सीजन का स्तर मिलता है तो मरीज को हायर सेंटर पर रिफर करना होता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि मरने वाले ज्यादातर मरीजों का ऑक्सीजन स्तर 80 से कम मिला है। ऐसे मरीज ईश्वर की कृपा और इम्युनिटी की ताकत पर ही बच पाते हैं अन्यथा जान गवां देते हैं।
बगैर मास्क के घूम रहे लोग समाज के लिए घातक: कलेक्टर
अनलॉक और आवाजाही बढऩे के बाद छतरपुर जिले में तेजी से फैलते संक्रमण को देखते हुए एक बार फिर कलेक्टर ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि दो मीटर से कम की दूरी रखने वाले एवं बगैर मास्क के घरों से बाहर निकल रहे लोग न सिर्फ खुद के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए घातक हैं। उन्होंने कहा कि संक्रमण फैलने की रफ्तार तेज है इससे बचने के लिए हमें खुद अपने व्यवहार में कड़ाई से नियमों का पालन करना होगा।
फैक्ट फाइल
कुल संक्रमित - 1126
डिस्चार्ज हुए - 885
एक्टिव केस - 215
मौतें - 28
सेम्पल - 25246
रिकवरी रेट - 78.59